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The Impact of Technology on Mental Health
Depression has been a growing issue across the world over the past 10 years. The biggest reason for this increase is the introduction of social media. The impact of social media and technology on mental health is very significant. Due to the increase in social media and technology usage, fewer and fewer people are living active healthy lifestyles. Social media platforms are designed to be addictive, resulting in many individuals connecting their happiness to the superficial factors of social media such as likes, comments, and follows. Due to these factors, new issues have developed and depression and suicide rates have jumped high. Now we are in the midst of a pandemic, which doesn’t help this growing problem. We need to spread awareness around mental health and rid the addictive factors of social media to help all the individuals surrounding us.
हाल ही में, मानसिक रोग अमेरिका में एक बड़ी समस्या है। बहुत से युवा लोग उदासीन हैं। लेकिन कई लोग नहीं मानते की खुदकुशी एक वास्तविक समस्या है। इस वजह से, अभी बहुत सारे लोग इसे छिपाते हैं। यह अच्छा नहीं है क्योंकि इसे खुदकुशी और आत्म क्षति होती है।
जब सोशल मीडिया आया 2009 में, लड़कियों की खुदकुशी की दर बढ़ रही है। क्यों? सोशल मीडिया दुनिया के सामने आया। यह वृद्धि के लिए सोशल मीडिया एक बड़ा कारण है। बहुत से युवा लोग अपना पूरा समय फोन पर बिताते हैं । इस वजह से, कई लोग खुद की तुलना दूसरे लोगों से करते हैं। प्रौद्योगिकी के कारण, कई लोग व्यायाम नहीं और वे स्वस्थ नहीं रह रहे हैं।
सोशल मीडिया की वजह से कई लोगों के पास FOMO – Fear of Missing Out – भी है। अगर युवा लोग अपने दोस्तों को एक साथ सोशल मीडिया पर देखते हैं, तो उनको FOMO लगेगा। लोग सोचते हैं कि दूसरे लोग बेहतर जीवन जी रहे हैं। लोग यह भी सोचते हैं कि दूसरे लोग ज्यादा खुश हैं तो लोगों को ज्यादा उदास और अकेला लगता है।
अभी, कोविड है। कोविड ज्यादा समस्या लाता है। क्वारंटीन में लोगों को अकेला लगता है। सभी को घर में ही रहना था। कुछ नहीं करने के लिए, हर कोई अपने फोन पर रहता है। इस वजह से ज्यादा लोग उदास हो गए हैं । कोविड वजह से , अब लोगों के पास मनोचिकित्सक और चिकित्सा नहीं है ।मानसिक रोग के लिए हमें जागरूकता बढ़ाना है ।
Mental Health: Raising Awareness
मानसिक रोग एक बहुत गंभीर विषय है. इन दिनों, मानसिक बीमारी सामान्य है. युवाओं में चिंता और तनाव बहुत सामान्य है. समस्या यह है कि मानसिक बीमारी में एक कलंक है.
मानसिक रोगी को लोग अक्सर नीचे देखते है और खराब व्यवहार करते है. लोग सोचते हैं कि उसकी गलती है, और मानसिक रोगी कमजोर हैं. लेकिन, उनको समझना चाहिए कि किसी की गलती नहीं है. मेरे विचार में मानसिक रोगी बहुत मजबूत हैं क्योंकि वे हर दिन लड़ते हैं. बहुत लोग सोचते हैं कि मानसिक रोगी पागल हैं. मैं सोचता हूँ कि ये एक बुरा विचार है. सच है कि मानसिक रोगी के दिमाग में रासायनिक असंतुलन है, और उनको मदद चाहिए उनके असंतुलन को ठीक करने के लिए. सच भी है कि कुछ लोगों को बहुत ट्राउमा है और इसलिए वह मानसिक रोगी हैं.
अगर किसी को मानसिक बीमारी है, तो उनके भविष्य के लिए बहुत उम्मीद है. ठीक होने के लिए बहुत चीजें हैं. नया विज्ञान कह रहा है कि अच्छा आहार जरूरी है मानसिक रोगियों के लिए. व्यायाम भी अच्छा है मानसिक रोग के लिए. बहुत सारे इलाज है जैसा चिकित्सा और दवा.
मानसिक रोगी अक्सर किसी को नहीं बताते कि उनको मानसिक बीमारी है. इसलिए, अगर आप सोचते हैं कि कोई आपको परिवार में या आपको दोस्त मानसिक बीमारी से ग्रस्त है, तो आपको उससे बात करने चाहिए. आप इंतज़ार नही करें, क्योंकि मानसिक रोगी अक्सर अपनी बीमारी छुपाते हैं.
अगर मानसिक रोगी अकेले रहते हैं, तो अपनी जिंदगी बहुत मुश्किल रहेगी. लेकिन, अगर उसके पास सहयोग है, तो वह सुधार करने के अच्छा मौका है.
Take Mental Health Seriously
मानसिक बीमारी एक में चार लोगों को दुनिया में है. आप सोचिये, “आप कितने लोगों को जानते हैं जिन्हें मानसिक बीमारी है?” हम से एक दोस्त को जानते हैं. भारत और अमेरिका में मानसिक बीमारी में लोग सरकार कुछ नहीं करती है. हमारे समाज में हम मानसिक बीमारी लोगों को मदद नहीं करते है. मानसिक रोग एक कलंक है लोग डॉक्टर के पास नहीं जाते है.
चालीस प्रतिशत लोग डॉक्टर के नहीं पास जाते है. वे बीमार हैं तो हम कहते है कि, “डॉक्टर के पास जाओ”. हमारा समाज हंसता है और बहुत खराब बात कहते हैं जब किसी को हमारे समाज में पास मानसिक बीमारी है. अमेरिका मे थोड़ा अच्छा है भारत से. अमेरिका में बहुत मशहूर लोग कहते हैं कि, “हमको मानसिक बीमारी है”. एक फुटबॉल प्लेयर डाक प्रेस्कट ने कहा कि उसके उदासीनता की बीमारी है. और बहुत लोग कहते है कि वह बहुत बहादुर है. और जब हम बीमार हैं और डॉक्टर के पास जाते है, डॉक्टर हमेशा पूछते है कि, “क्या आपके अपने ख़ुदकुशी का विचार आता है?” ये सवाल बहुत जरूरी है, और अमेरिकी संस्कृति में बहुत लोग अपने दोस्तों और परिवारों पूछते है कि, “क्या आपके खुदकुशी का विचार आता है? और क्या आप बहुत उदास हैं, हम डॉक्टर के पास चलेंगे?”
मानसिक बीमारी भारत में एक अलग बात है. भारतीय संस्कृति ज़ायदा पोरोनी है जब हम मानसिक बीमारी की बात करते है. भारत में हम नहीं सोचते है कि मानसिक बीमारी असल है. हम सोचते है कि मानसिक बीमार लोग पागल हैं. भारतीय संस्कृति में हम मानसिक बीमार लोगों डॉक्टर से पास नहीं ले जाते है.
विश्वविद्यालय में मेरे एक खास दोस्त ने खुदकुशी कर ली. और मैं अभी भी बहुत उदास हूँ. वह मेरा खास दोस्त था और मुझे नहीं मालूम कि वह सोचता था कि उसने खुदकुशी कर ली. इसलिए मैं कहता हूँ कि अपने परिवार और दोस्तों से मानसिक रोग की बात करो.
Mental Health – The history and the future
Mental health is a big issue in the world. In America, some people discriminate against people with mental health. However, in India it is even worse. In India, people with mental illness’s can’t do anything. They either stay at home or at a hospital.
In the 20th century, lots of research is being done on mental health. A lot of new medications with good effect have been introduced. Mental disorders are increasing. Among mental disorders, the common ones are anxiety, depression, mood disorder, OCD, getting scared, headaches and insomnia. World Mental health day was celebration on November 10th, 1992 for the first time. Since then, it has been celebrated on different topics every year. This is not to be celebrated for just one day. It is celebrated to create awareness among the society We need to talk about it to know the truth of the disease. In the world, secondary to Corona, mental issues are increasing. Secondary to that increase anxiety, social isolation, fear, scared to go outside, the world is in a doubtful situation. For everyone’s sake we need to tell everyone about mental health.
In India, even small children have mental illness. The kids also don’t tell anyone. The doctors in India tell people with mental illness to not talk about it. The Indian government and the American government have to do something about mental health. We need to do something and we will do it.
मानसिक रोग बहुत बड़ा मुद्दा है दुनिया में . अमेरिका में, कुछ लोग मानसिक रोगी लोगों के साथ भेदभाव करते हैं. लेकिन, भारत में और भी बुरा है. भारत में , मानसिक रोग के लोग कुछ नहीं कर सकते .वे या तो अस्पताल में या घर पर रहते हैं
२० वी. सदी में दिमाग़ को लेकर कई नयी रीसर्च और खोज़ की गयी. नयी नयी दवाईयाँ की खोज़ की गयी और उनका असर भी अच्छा पाया गया। मानसिक रोग यानी सायकाइयट्री में आने वाली बीमारियाँ समय के साथ बढ़ती जा रही हैं । इनमें सबसे सामान्य है ऐंज़ाइयटी यानी घबराहट , डिप्रेशन यानी अवसाद, व्यावहारिक समस्याएं , एक काम को बार बार करना , डर लगना , सिर में ज़्यादा समय तक दर्द रहना , अच्छे से नींद ना आना । वर्ल्ड मानसिक रोग दिन १० नोवेम्बर १९९२ को पहली बार मनाया गया। तब से हर साल अलग अलग विषय पर इस दिन को मनाया जाता है । यह एक दिन का कार्यक्रम नहीं है । यह मानसिक रोग की बीमारियों की जागरूकता फैलाने के लिए किया जाता है । हमें रोज़ इस के बारे में बात करके इसको सच्चाई बनाना है । दुनिया में कोरोना महामारी के कारण मानसिक रोग बढ़ते जा रहे हैं । इसके कारण घबराहट , सोशल आयसलेशन , डर, बाहर आने जाने पर रोक , सामाजिक दूरी बनाना, अनिशचितता पूरी दुनिया में बढ़ गया है । हमें सब के लिए मानसिक रोग को सच्चाई बनाना है ।
भारत में, छोटे बच्चे को भी मानसिक रोग होता है. और बच्चे भी आत्महत्या करते हैं. अभी बहुत कलंक है भारत में. डॉक्टर मानसिक रोग वाले लोग को बताते है कि इस बारे में मत बात करो. भारत की सरकार और अमेरिका की सरकार को मानसिक रोग के लिए कुछ करने की जरूरत है. हमें कुछ करना है. और हम कुछ करेंगे
Mental Health: The Silent Killer
मानसिक रोग एक बड़ी समस्या है भारत और अमेरिका में। मानसिक रोग के बारे में कई ग़लतफ़हमी होती हैं। कई लोगों को लगता है कि मानसिक रोग का मतलब सिर्फ़ उदासीनता है। लेकिन कई मानसिक रोग होते हैं: द्विध्रुवी विकार, चिंता, पागलपन, वग़ैरह। भारत में मानसिक रोग अनदेखा किया जाता है। कई कारणों से भारत में मानसिक रोग होता है: निर्धनता, स्कूल का काम, दोस्ती, वग़ैरह। लेकिन भारत की सरकार ने इस समस्या के लिए बहुत कम काम किया है। भारत में मानसिक रोग के बारे में बुरा सोचा जाता है। भारत में चार में से एक को मानसिक रोग होता है।
मानसिक रोग के लिए इलाज ज़रूरी है। इलाज मानसिक रोग के लिए दवा है। कुछ दवाएँ उदासीनता के लिए एस॰एस॰आर॰आई॰ और एस॰एन॰आर॰आई॰ हैं। द्विध्रुवी विकार दोनों उदासीनता और चिंता है। इसलिए ये दवाएँ द्विध्रुवी विकार के लिए इस्तेमाल किया जा सकते हैं। और बेंज़ोडायज़ेपींस द्विध्रुवी विकार के लिए दवाएँ हैं। एक और इलाज मानसिक रोग के लिए मनश्चिकित्सा है। अगर कोई मनोचिकित्सक से मिलता है तो शायद उसको अच्छा लगे। और शायद मनोचिकित्सक उसको दवाएँ मानसिक रोग के लिए दे दे। लेकिन भारत और अमेरिका में बहुत कम मनोचिकित्सक होते हैं। इसलिए अक्सर मानसिक रोग से पीड़ित लोगों को मनश्चिकित्सा मिल नहीं पाती।
तो आप इस समस्या के बारे में क्या करें? पहला, आपको मानसिक रोग के बारे में सीखना चाहिए। और आपको सब लोगों को इसके बारे में सिखाना चाहिए। दूसरा अगर आपके दोस्त को मानसिक रोग है तो आपको अपने दोस्त की मदद करनी चाहिए। आपको अपने दोस्त के साथ मनोचिकित्सक के पास जाना चाहिए। तीसरा आपको मानसिक रोग के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए क्योंकि कई ग़लतफ़हमी होती हैं। मानसिक रोग ख़तरनाक है। कभी-कभी लोग मानसिक रोग की वजह से ख़ुदकुशी कर लेते हैं। मेरी इच्छा है कि कोई भी मानसिक रोग अनदेखा न करे।
In the United States and India, mental health problems silently take their toll on individuals. In India, there is a stigma against mental health problems—but by ignoring these issues, Indian society continues to be plagued by them. Mental health problems include general anxiety disorder (GAD), major depressive disorder, bipolar disorder, and attention-deficit/hyperactivity disorder (ADHD), among others. Medicines and psychological counseling are two standard treatments for many mental health problems, but a lack of mental wellness resources oftentimes prevents individuals with mental health problems from obtaining the needed treatment. Unfortunately, many individuals can become overwhelmed by their mental health issue, driving them to self-harm and suicide. There are numerous misconceptions about mental health, so spreading awareness and being educated are vital for progressing the fight against mental health issues.
Mental Health in India—Let’s End The Stigma
Mental health in India is a huge problem, with 1 out of every 4 people experiencing a mental illness at some point in their lives. In addition, according to a Lancet Global Health Study, suicide is the leading cause of death among young people in India aged 15 to 39. And yet, in India, given the huge population and the high prevalence of mental illness, there is a great shortage of psychiatrists. Currently, India only has 9,000 psychiatrists, which is one psychiatrist for every 100,000 people. Thus, many people with mental illnesses are unable to receive proper treatment, and those who do have mental illness experience discrimination and negative stigma. In order to help those suffering with mental illnesses such as anxiety and depression, we should (a) encourage the government of India to spend more money on mental health treatment and research, (b) spread awareness about mental illness on social media, (c) train primary care physicians to administer psychiatric interventions, and (d) treat our friends, family, peers, and neighbors with empathy and compassion.
भारत में मानसिक रोग एक बड़ी समस्या है। फिर भी, लोग भारत में मानसिक रोग के बारे में बात नहीं करते हैं। युवा लोगों में खुदख़ुशी आम है। अमेरिका में बहुत सारे मनोचिकित्सक हैं। हालाँकि, भारत में आबादी बहुत बड़ी होने के बावजूद बहुत कम मनोचिकित्सक हैं। क्योंकि बहुत कम मनोचिकित्सक हैं, भारत में लोग अक्सर अवसाद और चिंता जैसी मानसिक बीमारियों का इलाज नहीं करते हैं। भारत में हर चार में से एक व्यक्ति को मानसिक बीमारी है। अब, भारत में मानसिक बीमारियाँ बढ़ गई हैं क्योंकि जीवन में बहुत तनाव है। बच्चों के पास अब खेलने के लिए समय नहीं है क्योंकि वे काम में व्यस्त हैं। छात्रों पर परीक्षा में अच्छा करने के लिए दबाव डाला जाता है। लोग परिवार और दोस्तों के साथ बातचीत करने के बजाय अपने फोन और सोशल मीडिया पर जा रहे हैं। इन सभी कारणों से मानसिक रोग खराब हो सकता है।
भारत में, जब किसी को मानसिक बीमारी होती है, तो उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जाता है। मानसिक बीमारियों वाले लोग भेदभाव का अनुभव करते हैं। लोग अक्सर अपने परिवार में ऐसे लोगों की देखभाल नहीं करना चाहते हैं जिन्हें मानसिक बीमारियाँ हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह बहुत ज्यादा काम है। भारत में अमीर और शिक्षित लोगों की तुलना में मानसिक बीमारियाँ गरीब और अशिक्षित लोगों में अधिक हैं।
मानसिक बीमारियों वाले लोगों की मदद के लिए हम क्या कर सकते हैं? हम बहुत सारी चीजें कर सकते हैं। हम मानसिक रोग के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकते हैं। हम अपने दोस्तों और परिवार का समर्थन कर सकते हैं जब वे दुखी या चिंतित होते हैं। इसके अलावा, भारत में सरकार को मानसिक रोग के इलाज और अनुसंधान पर अधिक पैसा खर्च करना चाहिए। भारत में अधिक युवा लोगों को मनोचिकित्सक बनने के लिए अध्ययन करना चाहिए।
Black Lives Matter: A Stand Against Inequality
Black Lives Matter is a stand against equality. For decades, African Americans have been largely discriminated against where laws still used today were primarily created to exclude African Americans. This continued cycle of systematic racism has erupted anger throughout the country among those of different backgrounds, where the Black Lives Matter movement was created in 2013 to fight racism against Black Americans. Black Lives Matter is now one of the largest politically & socially charged organizations in America, where supporters continue to advocate for Black rights. Though many of us consider racism against African Americans a concept of the past, it’s important we recognize that racism is still a prolonged threat to the safety of African Americans — where we must recognize this stand against inequality.
अमेरिका के बहुत होते हैं एक मुद्दा रंगभेद है. अश्वेत लोगों के लिए रंग पर बहुत बड़ा मुद्दा रहा है. पुलिस काफी काफी अश्वेत लोगों के लिए हिंसा का त्याग करती है. पुलिस ने रंगभेद के कारण अश्वेत लोगों को मार दिया था. अश्वेत लोगों ने रंगभेद के कारण क्लिक लाइव मैच आंदोलन 2013 मैं बनाया था. बहुत युवा लोग प्लाट लाइव मैच आंदोलन का समर्थन करते हैं.
एक अश्वेत व्यक्ति जो लाइट को पुलिस ने मार दिया. इसका अमेरिका में विरोध शुरू हुआ. लोग इसलिए भी नाराज़ है क्योंकि यह पूरी पुलिस जेल में नहीं बैठी बल्कि वह अश्वेत लोगों पर हिंसा करती है. प्लाट लाइव मैच आंदोलन के समर्थक चाहते हैं कि बुरी पुलिस को दोषी ठहराया जय. लाख लाइव मैच समर्थकों ने शांतिपूर्वक विरोध किया था. लेकिन कुछ बड़े समर्थक हैं जिन्होंने कानून को नष्ट कर दिया.
ला लाइव मैच के खिलाफ भी लोग हैं. जय सारे लाइव मैच आंदोलन का समर्थन करते हैं. क्लब लाइव मैच समर्थक चाहते हैं कि सरकार पुलिस को बदनाम करें और अच्छे संगठनों को पैसा दे. लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि उन्हें सुरक्षा के लिए पुलिस की जरूरत है. सरकार को पता नहीं है कि क्या करना है. राष्ट्रपति ट्रंप और स्थापत्य राजनीतिक पार्टी का समर्थन करते हैं. जब वायरस और चमक हर एक राजनैतिक दल पुलिस का समर्थन नहीं करते हैं और चाहती है कि पुलिस बदनाम हो.
मुझे लगाता है कि राष्ट्रपति को क्लिक लाइव मैच की मदद करनी चाहिए. पुलिस को सजा होनी चाहिए. या बहुत बुरा है कि अमेरिका में बहुत रंगभेद है. अश्वेत लोगों को पुलिस से करना नहीं चाहिए. मैं लाख लाइव मैच आंदोलन की समर्थक हूं. मेरी इच्छा है कि दोनों फ्रेम और चौथाई केन बी प्राग लाइव मैच आंदोलन का समर्थन करें तभी अमेरिका एक सुरक्षित देश हो सकता है.
Black Lives Matter: What Can We Do?
Black Lives Matter (BLM) is a decentralized social movement that started in the aftermath of the killing of Trayvon Martin. It advocates for civil disobedience in the face of violence against Black people. They define their goal as, “eradicating white supremacy and building local power in Black communities”. As Indians, we can not overlook the importance of this movement in our daily lives. We must support this movement of our fellow minorities, whether that is through protesting police brutality, donating to charities, or raising awareness through platforms we have.
अमेरिका में लोग पुलिस का विरोध कर रहे हैं। क्यों? पुलिस का काम रक्षा करना है। लेकिन वे नहीं करते हैं। अफ्रीकी अमेरिकियों के पास समान मौक़ा नहीं है। उन्हें परेशान किया जाता है, नौकरी से वंचित किया जाता है और मार दिया जाता है। ब्लैक लाइव्ज़ मैटर इस अन्याय को रोकने के लिए एक आंदोलन है।
अमेरिका में रंगभेद एक हज़ार सात सौ में शुरू होता है। अश्वेत लोगों को अमेरिका में गुलाम बनाने के लिए लाया गया था। तीन सौ साल बाद, हम अभी भी प्रभाव देख रहे हैं। पच्चीस मई को, एक अश्वेत आदमी जिसका नाम जॉर्ज फ़्लॉड है उसको गोली मारी गई । उसे मारना नहीं चाहिए था। अमेरिका में हर व्यक्ति ने वह विडीओ देखा। इस घटना के कारण दुनिया भर में विरोध हुए। बहुत लोग विरोध के दौरान “ब्लैक लाइव्ज़ मैटर” नारा हैं। इस आंदोलन का विरोध नहीं होना चाहिए। रंगभेद ग़लत है।
बेशक, विरोधों ने रंगभेद को ख़त्म नहीं किया है। लेकिन उन्होंने पुलिस सुधार के बारे में बातें शुरू कर दी है। मिनीऐपलिस में पुलिस को अंजाम शुरू किया है। बहुत लोग परोपकार में दान करते हैं। इन्स्टग्रैम पर आंदोलन का समर्थन करने में बहुत तस्वीरें हैं। अमेरिका में , हमें इस समस्या को रोकने के लिए बहुत कुछ करने ज़रूरत है। सरकार को पुलिस से गन छीनने की जरूरत है। पुलिस पर नजर रखने की जरूरत है। और भी बहुत कुछ किया जा सकता है। अगर हम कोशिश नहीं करते हैं, तो हमारे बच्चे एक परेशान दुनिया में बड़े होंगे।
Black Lives Matter – Past, Present, and Future
The Black Lives Matter Movement is one of the most important movements in the US today. The movement started in 2013 and garnered support in 2020 due to the immense violence on the black community. Even though the US has a stance where all people are welcome, this violence against the black community has been a reoccurring problem in the US for a number of years. This is why this movement is integral. The US government must take measures to eliminate this racism. People have protested for the government to do something yet no legal measures have been taken to help the black community. As Indians, we must educate other people in the Indian community about this issue because discrimination also heavily occurs in India.
My college, and others like it, have taken measures to protect against racism on campus. However, racism still occurs, and we as students and we as a university must do more. It will take time, but with action and change, racism against the black community can be eliminated.
BLM आंदोलन एक आंदोलन है जो रंगभेद के ख़िलाफ़ लड़ाई है। यह शुरू हुआ, क्योंकि अश्वेत लोगों का रँग अलग है। BLM दो हज़ार बीस में शुरू हुआ और बहुत ज़्यादा लोगों ने समर्थन किया। अमेरिका में यह एक बहुत बड़ा आंदोलन है. इस आंदोलन में, बहुत हिंसा हुई और बहुत सारे लोग मारे गए. इसमें, लोगो ने बहुत विरोध किया. यह हिंसा बहुत ख़तरनाक साबित हुई.
यह आंदोलन बहुत जरूरी है क्योंकि अमेरिका मे अश्वेत लोगों पर भेदभाव बहुत दिनों से हो रहा है। रंगभेद को रोकने की बहुत जरूरत है। अमेरिका एक ऐसा देश है जो सभी तरह के लोगों का समर्थन करता है। लेकिन, अमेरिका में ऐसा नहीं हो रहा था. इसलिए, यह आंदोलन बहुत जरूरी है. हमारी सरकार को अश्वेत लोगो के लिए कुछ करना चाहिये। भारतीय लोगों को इस आंदोलन से कुछ सीखना चाहिए क्योंकि बहुत सारे लोगो को इस बारे में नहीं पता है, और वहाँ पर भी बहुत ज़्यादा भेदभाव होता है.
मेरा विश्वविद्यालय बहुत ध्यान रखता है और कोशिश करता है कि रंगभेद ना हो। लेकिन, मैं, फिर भी काफ़ी रंगभेद देखती हूँ। हमें ध्यान रखना चाहिए कि यहाँ हम सभी का स्वागत करें। हम छात्रों को बोलना पड़ेगा क्योंकि रंगभेद तब तक नहीं जाएगा जब तक हम कुछ नहीं करेंगे। मुझे लगता है कि मैं और मेरे दोस्त बहुत कुछ कर सकते हैं। हम बहुत कुछ कर रहें हैं , लेकिन, हमें अभी और करना चाहिये, और हम करेंगे। अमेरिका मे बहुत लोग पुलिस को दोष देते हैं, क्योंकि वे भी रंगभेद देखते हैं। लेकिन, कुछ लोगो को यह आंदोलन अच्छा नहीं लगता और वे इस आंदोलन को समर्थन नहीं देते। इसलिए, रंगभेद काफी दिनों से है। शायद यह बहुत दिन चलेगा, लेकिन हमको कुछ करते रहना पड़ेगा और रंगभेद को हटाना होगा।
Black Lives Matter – A Brief History and What We Can Do
Black lives matter is an important social movement in America. Even though slavery has ended, racial inequality is still there. 2012, George Zimmerman killed a black boy named Trayvon Martin. George Zimmeran was not punished for killing Trayvon Martin. And in response, black lives matter started as a social media hashtag. In 2020, George Floyd, in Minnesota and Breonna Taylor, in Kentucky, were killed by police. This led to the largest protests occurring nationally in American history. This movement is very important for empowering black people and in making America a racially equal country. We can all be part of this movement by – speaking against racism, being a part of peaceful protests, donating to the movement, teaching others about racism and by voting.
ब्लैक लाइफ़ मैटर अमेरिका का एक महत्वपूर्ण सामाजिक आंदोलन है I हालाँकि गुलामी समाप्त हो गई है, फिर भी नस्लीय असमानता है ।2012 में, जॉर्ज ज़िमरमन ने ट्रेवॉन मार्टिन नाम के एक अश्वेत बच्चे की हत्या कर दी थी।जॉर्ज ज़िमरमन को ट्रेवॉन मार्टिन को मारने के लिए दंडित नहीं किया गया था I और इसके प्रतिक्रिया में ब्लैक लाइफ़ मैटर सोशल मीडिया हैशटैग के रूप में शुरू हुआ । 2020 में मिनेसोटा में जॉर्ज फ्लोयड और केंटकी में ब्रीयोना टेलर पुलिस द्वारा मारे गए ।इससे अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा विरोध राष्ट्रीय स्तर पर हुआ ।यह आंदोलन अश्वेत लोगों को सशक्त बनाने और नस्लीय असमानता को समाप्त करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम सभी इस आंदोलन का हिस्सा हो सकते हैं रंगभेद के खिलाफ बोल कर, शांतिपूर्ण विरोध का हिस्सा बन कर, आंदोलन को दान दे कर, दूसरों को रंगभेद के बारे में सिखा कर और मतदान कर कर।