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HINDI 204

Naveen Siva 

 

Summary: What is the caste system? India’s caste system is one of the oldest forms of social division in the world. The caste system divides Hindus into four main categories – Brahmins, Kshatriyas, Vaishyas, and Shrudas. In this system, dalits are excluded. In this podcast, I talk about the reasons that the caste system is a problem in the Indian society. Moreover, I talk about how the caste system affects children and the implications it has on them. 

सारांश: जाति व्यवस्था क्या है? भारत की जाति व्यवस्था दुनिया में सामाजिक विभाजन के सबसे पुराने रूपों में से एक है। जाति व्यवस्था हिंदुओं के चार मुख्य श्रेणियों में विभाजित करती है – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। इस व्यवस्था में दलितों को बहार रख गया है। इस पॉडकास्ट में बात करता हूँ कि जाति व्यवस्था समस्या क्यों है? इसके अलावा, मैं इस बारे में बात करता हूँ कि जाति व्यवस्था बच्चों को कैसे प्रभावित करती है और उसके मिए पर क्या प्रभाव पड़ता है।

Tejas:

 

Summary: Nowadays, animals are constantly threatened and a lot of species have become extinct. In this podcast, we talk about some of the reasons for this, why endangered species are important for everyone, and then talk about what steps society has taken so far to help animals. At the end, we talk about what individuals can do to help restore animals in the environment. 

सारांश: आजकल, जानवरों को लगातार खतरा है और बहुत सारी प्रजातियां दुर्लभ हो गई हैं।इस पॉडकास्ट में हम इसके कुछ कारणों के बारे में बात करते हैं, ख़तरे में प्रजातियां सभी के लिए ज़रूरत क्यों हैं, और फिर बात करते हैं कि जानवरों की मदद के लिए समाज ने अब तक क्या किया हैं। अंत में, हम इस बारे में बात करते हैं कि वातावरण में जानवरों को बहाल करने में मदद करने के लिए लोग क्या कर सकते हैं।

Caste System in Silicon Valley

My podcast speaks about caste discrimination in the U.S, and particularly in Silicon Valley, the tech capital of the world.

It talks about how caste discrimination has systematically seeped into the U.S, starting from the top tech universities in India, aka IIT (Indian Institute of Technology). A process of affirmative action has created unjustified animosity from the higher caste onto the lower caste. So, when those students move to the U.S seeking high-paying tech jobs in the Valley, they bring that animosity with them.

It can often be seen by how Dalits are treated differently during tech interviews and are not given opportunities to grow within the company, especially when the manager is Indian.

जातिगत भेदभाव केवल भारत में ही नहीं, यू.एस. में भी है| दलितों के लिए सिलिकॉन वैली में नौकरी पाना मुश्किल है मैनेजर की भारतीय | और सिलिकॉन वैली में कई मैनेजर भारतीय हैं। उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालयों में भाग लिया, जहाँ उन्होंने भेदभाव करना सीखा। इस पॉडकास्ट में, हम सिलिकॉन वैली में जातिगत भेदभाव के उदाहरणों पर प्रकाश डालेंगे

मैं आपके जैसा हूँ – I am like you

घर का नौकर बहुत काम करते हैं

वे सुबह में आते हैं और पूरे दिन काम करते हैं

लेकिन लोग उसके सम्मान नहीं देते हैं

जब लोग खाना खाते हैं नौकरों उसके साथ नहीं बैठते हैं

 

वे लोग अगले स्थान और अकेले खाते हैं

यह चीज़ कासते सिस्टम का एक उदहारण है

1950 में भारत का सर्कार किया की कासते सिस्टम का भेदभाव अवैध है

 

लेकिन भेदभाव होते है

यह चीज़ गुप्त नहीं है

भारत में सब लोग जानते है कि नौकरों दलित होते है और उसे मौक़ा नहीं मिलते है 

इसलिए भारत में बहुत मुश्किल है कि घर का नौकरों को कैसे सशक्त बनाते

और जो स्कूल जाते है वह विश्वविद्यालय नहीं जाते हैं

 

मेरे विचार से भारत कि सर्कार उस लोग के लिए नया प्रोग्राम करना पड़ेगा 

शिक्षा से सब लोग को मौका मिलेगा

मांस खाना और जाति

Summary:

In this podcast, I wanted to highlight how the caste system manifests itself in almost all aspects of Indian life, even aspects that most people don’t think about. Specifically, I talk about how the divisions in the caste system are evident in the diets of people in their respective castes. Interestingly, while most people think that India is very vegetarian, the majority of Indians actually eat meat. The pure vegetarians primarily belong to the upper, Brahmin class. The lowest social class, the Dalit caste, are

those who not only eat meat but also eat beef.

Recording:

Text:

मांस खाना और जाति

लोग सोचते हैं कि भारतीय आमतौर पर शाकाहारी होते हैं, लेकिन यह विचार भारत में ब्रिटिश शासन से आता है, ताकि उनके आहार को असभ्य भारतीय आहार से अलग किया जा सके।

भारत में बहुत से लोग मांस खाते हैं ।

केवल 20% भारतीय लोग शुद्ध शाकाहारी हैं।

हिंदू धर्म में गायों को पवित्र माना जाता है, जिससे गोमांस खाने वाले लोग असभ्य दिखते हैं।

खासतौर से दलित लोग विशेष रूप से मांस खाते हैं, क्योंकि शाकाहारी होना ब्राह्मण जाति का उदाहरण है ।

ब्रिटिश के जाने के बाद भी, यह  विचार भारतीयों के बीच बना रहा  ।

अब, किसी का आहार भारतीय समाज में उनकी स्थिति का एक उदाहरण है ।

पहली बात है कि शाकाहारी लोग उच्च जाति में हैं, दूसरी बात है कि जो लोग मांस खाते हैं लेकिन गाय नहीं खाते वे मध्यम जाति में हैं, और तीसरी बात है की गाय खाने वाले लोग अछूत जाति में होते हैं ।

यदि कोई दलित जाति में जन्म लेता है तो उसकी आर्थिक स्थिति उसे मांस के अलावा कुछ भी खाने से रोकती है ।

ऐसा इसलिए है क्योंकि गाय आमतौर पर अन्य मांस की तुलना में सस्ती होती है।

तो जाति व्यवस्था भारत में हर जगह है, और लोगों को भारतीय समाज में आगे बढ़ने से रोकती है।

COVID and the Caste System

 

सोशल डिस्टन्सिंग इंडिया में एक नई बात नहीं हैं। आजकल कोविद देश को अलग रख रहा हैं , लेकिन एक दूसरी  चीज़ ने लोग को अलग रखा बहुत साल के लिये: जाति व्यवस्था । जाति व्यवस्था ने इंडिया को बहुत विभाजन किया । आजकल, कुछ  लोग को जाति व्यवस्था के बारे में बहुत नहीं पता हैं, लेकिन आज भी जाति व्यवस्था इंडिया में काम कर रहा हैं।

कोविद बहुत बुरा चीज़ हैं । ये ऐक संक्रामक और घातक वाइरस हैं । पूरा देश में , बहुत सारे चिकित्सक दिन और रात काम कर रहे हैं इस बीमारी को कतुम करने के लिए।। लेकिन  आज-कल, बुज़ुर्ग और गरीबी लोग जिस के पास टीका नहीं हैं मार रहे हैं ।ज़्यादातर, ये लोग कम जाति में होते हैं । अभी , कोई अच्छा इलाज नहीं हैं ।

लेकिन हमारे पास इस समय में शक्ति हैं।हम चीज़ें कर सकते हैं जो वाइरस को रूकेगा । पहले, हम मुखौटा पहन सकते हैं । सब लोगों को मुखौटा पहना ही पड़ेगा जब तक बहुत लोगों के टीका नहीं मिलता । क्योंकि हमको पता हैं की वाइरस और अंदर में फैलता हैं , हम बाहर जा सकते अगर हो सकता हैं ।अगर आप बीमार होते हैं , लोग से अलग रहो ।आख़री बात , अगर सरकार अच्छा काम नहीं कर रहा हैं , उसको विरोध करो ।याद करो की ये सब सब लोग नहीं कर सकते हैं । लोग कम जाति में बहुत  बार चिकित्सक को नहीं देख सकते हैं  या दवादवाएं का किराया नहीं दे सकते हैं । हम को सब जातिं को मदद करना हैं इस मशिल समय में । इस सब करने से , हम स्वस्थ रहे सकते हैं ।

This podcast serves to describe the disproportionate impact that the COVID-19 pandemic has had across the caste system. It begins by first providing an explanation of what the caste system is and how it functions in the greater context of modern Indian society. Next, the podcast discusses how the pandemic is affecting India as a whole. Lastly, the podcast closes with ways to stop the spread of COVID but emphasizes that not all people have the ability to take these measures, and that if change is to happen, it must occur across all castes.

Podcast 1: जाति व्यवस्थाऔर स्वास्थ्य देखभाल भारत में

नमस्ते इस पॉडकास्ट में हम जाति व्यवस्था और स्वास्थ्य देखभाल के बारे में बोलेंगे। वह लोग निम्न जाति व्यवस्था में हैं , उन्हे न्कम संसाधन मिलते हैं और ज़्यादा प्रतीक्षा समय होते हैं इनके लिए। डायरेक्ट सह – संबंध है जाति व्यवस्था और होस्पिटल प्रतीक्षा समय के बीच। कुछ और भी कारण हैं ज़्यादा प्रतीक्षा के लिए : कम डॉक्टर्स , ज़्यादा मांग, और कम ज्ञान। लिखें धनी लोग रिश्वत कर सकते हैं डॉक्टर्स को। 

नेहा, एक साक्षात्कार में बोली कि “कोई मास्क नहीं , कोई दस्ताने नहीं , और कुछ नहीं रोग प्रतिरक्षण के लिए जब मलमूत्र हमारे हाथ पर शिरता है जब हम दूसरीं के घरों से मलमूत्र उठाते हैं। दुर्भाग्य से, दलि को कोई कानूनी सुरक्षा नहीं मिलती है और दलित के पास टीके नहीं है संरक्षण के लिए। इसीलिए, अभी भी दलितों के साथ हो रहा सामाजिक भेदभाव (लोगों के पास डर है कि उन्हेंबीमारियां होंगी )। स्वास्थ्य के निर्धारक सामाजिक और आर्थिक भी हैं — सिर्फ मेडिकल नहीं।

 

Summary In English:

The caste system makes a big impact on the resources for health care people receive. The caste of a person has a direct correlation with how long they wait for health care. There are many reasons for high wait time such as medical staff shortage, increased demand, but this causes inequality across groups due to some groups paying staff for extra treatment. 

From an article, I learned that Neha in an HRW interview said that there are “no masks, no gloves, nothing that prevents disease when excrement comes in contact with our hands and legs.” Unfortunately, Dalits do not get much legal protection either and have not been given the essential vaccines to prevent the disease from the excrement. Even today, Dalits face social discrimination and the determinants of health are social and economic as well– not just medical.

Musical Inequalities through the Indian Caste System

Everyone in the world is able to enjoy music, but because of the caste system in India, there exists inequality in music. This inequality goes so far as to even include not associating with certain instruments because those instruments are associated with a different caste. Even some upper caste musicians are trying to break down caste barriers, which shows that even though there is much to improve on, there is progress being made in tearing down the caste system.

दुनिया में, सब लोग संगीत सुनते हैं लेकिन जाति की वजे से, भारत में संगीत समान नहीं है दलित जाति के लोग इस असमानता हटाना केलिए कोशिश कर रहे हैं   अच्छाभविष्यकेलिएबहुतकामबाक़ीहै।

क्या रेसर्वेशीयों सरकार का हथियार हैं?

caste-जाति 

To be divided- बंटना 

Groups-स्तर

Pureness-शुद्धता

Middle-मध्य

politician-राजनीतिज्ञ

Political tool/weapon -राजनीतिक हथियार

supporter-समर्थन करनेवाला

Gift-दान

To lie- झूठ बोलना 

poverty-गरीबी

Civil rights-नागरिक अधिकार

protection-रक्षा

To need X- X की ज़रूरत है

Assistance- सहायता

 

भारत में हिंदू लोग अलग-अलग स्तर में बंटे हैं।ये स्तर जन्म के समय दिए जाति हैं और शुद्धता और परिवार से बनते दलित जाति सबसे नीची है ।माना जाता हौकि वे पैर से आए हैं। उन्हें शुद्ध नहीं माना जाता है।जब भारत का साँविधान लिखा था उन्हें आरक्षण दिया गया था।आरक्षण ख़ास सरकारी का काम में और शिक्षा का प्लेसमंत देता है।क्योंकि दलित की ज़िंदगी बहुत मुशक़िल्ल था भारत की सरकार पहले समानता ने देना कोशीश किया।लेकिन लोग जाति को भूले नहीं है।

 

बाद में आरक्षण ऑठर बैकवर्ड्स कैसत्स (OBC) बन गाए। मतलब यह है कि निचला और मध्यम स्तर भी ने आरक्षण दिए गए थे।आजकल भारत में राजनेता आरक्षण को राजनीतिक हथियार बनाते हैं।राजनेता समर्थन करनेवाला को ख़ास दान देते हैं क्योंकि वे कानून बदलते हैं और फिर वह बहुत ज़्यादा वोट मिलते हैं।ऊंची जाति के ब्राह्मण भी चीजें पाने के लिए अपनी जाति के बारे में झूठ बोलते हैं।

 

मुझे लगता है कि आरक्षण राजनीतिक हथियार नहीं होना चाहिए।राजनेताओं को भारत में गरीबी और खराब शिक्षा को रोकना चाहिए और उन्हें अपने समर्थकों को ख़ास दान देना बंद करना चाहिए।दलिटों को नागरिक अधिकार की रझा की ज़रूरत है और जीवन में पहले उन्हें सहायता चाहिए ।

 

Summary:

Hindu people in India are divided into castes based on their family and the purity of the caste, and dalits are the lowest caste. When the constitution of India was written, the writers gave dalits special reservations to help with the inequality in society. Now, these reservations are being used as a political tool to gain favor with different castes as voting blocks. I don’t think reservations should be used as a political tool, and I think dalits should be given more help earlier in life. 

Passing Down Culture through Recipes

When was the last time you ate Indian food? Have you ever thought about where this food comes from? Who made it first? How have methods of preparing this food been passed down over thousands of years? 

Since August, I have learned that there is a long history of cookbooks and cooking within Indian communities. Within a traditional model of the extended-family all under one roof, it is typically the husband’s family that determines the daily recipes used for meals.  The caste system is an important part of this. It dictates what kind of food is eaten and how it is prepared. What is interesting is that in Brahmin communities, these recipes have been written in cookbooks whereas in Dalit communities, there are no such cookbooks. This all changed when in 2016 Shahu Patole, a Dalit man from Maharashtra, wrote a cookbook exclusively with Dalit recipes. This written record of recipes is a vital step towards remembering and respecting the history of cooking and preparing foods within Dalit communities. 

 

Pollution Doesn’t Discriminate… but We Do

Air pollution is a major problem in highly populated cities and countries. It is has a large impact on human health and it does not discriminate against who it impacts. However, at the same time that India is dealing with health impacts from air pollution, it is also suffering from a major crisis due to the impacts of the caste system which affects all aspects of an individuals life from what jobs they can hold, where they can go, and importantly where they can live. Together, caste and air pollution are two major problems that when interacting, result in an issue that can’t be ignored.

हवा का प्रदूषण बहुत समस्या है अक्सर बड़ा शहर और देश | हवा का प्रदूषण सारा लोग की सेहत प्रभाव करता है | भारत का लोग जाति भी प्रभाव किया जाता है | जाति ज़िंदगी के सारा खंड जेसे आप कहाँ काम करते हैं , आप कहाँ जाते हैं  और भी आप कहाँ रहते हैं | हवा का प्रदूषण ओर जाति साथ साथ ज़्यादा बड़ा समस्या बनाते हैं |

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