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Author Archives: Pratamesh Ramasubramanian
हिंदी कविताएँ
प्रथमेश
दुनिया बदलें
आँख से आँख
दिल से दिल
दिमाग़ से दिमाग़
दो मन का मिलन
सपने एक विचार पैदा करते हैं
सबसे बड़ा अविष्कार
विनिमय से पैदा हुआ
पूरे इतिहास में
वात्सन और क्रिक
पेज और ब्रीन
जे-ज़ी और बीयान्से
टीम वर्क से समाज की समस्याओं का समाधान
दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए
जलवायु परिवर्तन, युद्ध, और वैश्विक भूख
हमें एक साथ काम करना चाहिए
चलो अब शुरू करते हैं
उठ जाओ
चलो चलें परिवर्तन क्षितिज पर
एक साथ दुनिया बदलें।।
आरुषि
क्या वह वसंत फिर आएगा?
जब हम वसंत में मिले थे,
सूरज इतना चमकीला था
सब कुछ हरा था ।
जो पेड़ हमने तब लगाया था,
हमारे सिर से ऊँचा हो गया है ।
मैं तुम्हारे साथ थी,
जब फूल खिले
सुंदर गुलाबी, बैंगनी, लाल।
पतझड़ में,
फूल लंबे समय से बिछड़ गए हैं।
पंखुड़ियाँ धुल गई हैं,
और पत्ते गिर चुके हैं।
आंखों के भूरे रंग की तरह ।
खोए हुए फूल
और कड़ाके की ठंड।
रंग सब चला गया,
लेकिन मैं सिर्फ मटमैलापन देख सकती हूँ ।
क्या मुझे इस पेड़ को पानी देना चाहिए?
क्या वह वसंत फिर आएगा?
क्या फूल खिलेंगे?
क्या हम अपने पेड़ के नीचे मुस्कराएंगे जैसे हम करते थे?
क्या अनुपजाऊ शाखाओं में उम्मीद है?
फूलों के बिना,
क्या हम क़ायम रह पाएँगे ?
एक हरा-भरा पेड़
हमेशा नहीं रह सकता।
लेकिन ठंड कभी खत्म नहीं होती।
मिहिर
मछलियाँ
सूरज गर्म है
और हवा सर्द
और आहिस्ता
धीरे धीरे हवा से पत्तियाँ हिलती हैं
हवा से, पत्तियाँ गिर गईं
और पत्तियाँ चिड़ियाँ बन गईं
लेकिन जब से सर्दी आई
चिड़ियाँ दक्षिण में उड़ गईं
कुछ पत्तियाँ तालाब की सतह पर बैठ गईं
कुछ पत्तियाँ कमल पर रहती हैं
पानी के नीचे मछलियाँ उतरती हैं
मछली मछली के पीछे भागती हैं
पीली मछली सफ़ेद मछली के साथ गोल गोल घूमती है।
सूरज नीचे झुका
और चन्द्रमा ऊपर चमका
अब भी बहुत लोग उन्हें देखते हैं।
लेकिन रात में कोई पत्ती और कमल को नहीं देखता।
पत्ती नदी में बहती है।
लेकिन कमल तालाब में रहता है।
सब उसे पसंद करते हैं
कोई उस कमल की पत्ती को नहीं देखता।
निश
परिवार
गहरी रात है।
शनिवार की।
मैं एक बादल पर बैठा हूँ।
दूर तुरही बजते हैं।
रोशनी चमकती है ।
मकई चबूतरे । चूल्हा चलता है
घर के चारों ओर दौड़ रहा है।
रोशनी बंद करें!
मैं प्रतीक्षा करता हूँ और प्रतीक्षा करता हूँ।
सस्पेंस बनता है
यह लगभग वो समय है।
जैज़ मेरे कानों में है। यह मेरे कानों के लिए संगीत है
टीवी के माध्यम से, मैं शहर में हूँ
माइकल चे. पीट डेविडसन। कीथ थॉम्पसन। मेरे सभी पसंदीदा अभिनेता।
वे चुटकुले सुनाते हैं। दृश्य शुरू होता है।
SNL जादुई है……
लेकिन यह शो के बारे में कभी नहीं था।
यह इतना अच्छा नहीं है
यह जैज़ नहीं है। तुरही नहीं। मजाक नहीं
कारण …
मैं अपनी बहन के साथ हूँ।
एक साथ हँसना ।
अपने परिवार के साथ गा रहा हूँ।
सैटरडे नाइट लाइव घर जैसा लगता है
और, हंसी मुझे घर ले जाती है
हर्ष
कुछ नहीं
एक बच्चा सूरज से खेल रहा है
उसकी माँ भी उसके साथ खेल रही है
उसका पति उन्हें खेलते देख रहा है
लापरवाही, चिंता मुक्त सा
दिन कितना सुंदर है
आसमान में एक भी बादल नहीं है
जैसे इस परिवार की तरह धरती भी मस्ती कर रही है
इस बगीचे से परे, जीवन एक जैसा नहीं है
हर कोई इतना खरीद रहा है
इतना चिंतित हो रहा है
और इतने दबाव में रह रहा है
हर कोई हमेशा कहीं न कहीं व्यस्त है
लेकिन यह बगीचा अलग है
यहाँ, जीवन धीमा हो जाता है
जैसे एक छोटा बच्चा धीरे होता है
मैं अभी बाहर से आया हूँ
पर मैं बाग का कायल हूँ
अभी मैं … मैं लापरवाह हूँ
माना जीवन संघर्ष से भरपूर है
लेकिन, बगीचे से परे भी, खेलने के बहुत सारे कारण हैं |
यशा
घर और मकान
एक घर और एक मकान,
इनके बीच में बहुत फ़र्क़ है
पैसे से मकान ख़रीद सकते हैं
यह सिर्फ़ एक इमारत है
लेकिन
घर अलग है
घर पैसे से नहीं ख़रीद सकते
एक घर में
बच्चे लुका छुपी खेलते हैं
माँ खाना बनाती है
और सुगंध सब जगह रहती है
यह है एक घर
खेलते खाते लोग
ज़मीन, दीवार, और कमरे
यह है एक घर
घर इमारत से कुछ ज़्यादा है
मेरे लिए मैं घर में हूँ
जब मैं परिवार के साथ हूँ
और
जब मैं दोस्तों के साथ हँस रही हूँ
मकान और घर में यही बारीक सा फ़र्क़ है ।
श्री
ज़िंदगी
ज़िंदगी छोटी सी है
सब कुछ करो जब तुम युवा हो
नए-नए देश देखो
नया-नया खाना खाओ
नए-नए खेल खेलो
दोस्तों के साथ हँसो
धूप में बाहर दौड़ो
खुश रहो
बिस्तर पर सो
देर तक।
भारत जाकर ताजमहल देखो
किसी से प्यार करो।
दोस्तों से बात करो
पार्टी में नाचो
नई भाषाएँ सीखो
बहुत कम काम करो और बहुत आराम करो
फिल्में देखो
पहाड़ों पर जाकर चाय पियो
नई चीजों से न डरो
मज़े करो और अपने माता-पिता को मत भूलो
क्योंकि माता-पिता ने ज़िंदगी दी है।
समाया
हमारी दुनिया
पीले, नीले और लाल फूल
सितारों और चाँद से भरी रातें
दिन आसान हैं फूलों के साथ
खूबसूरत है जिंदगी
सड़क पर बारिश की आवाज़
और गुलाबी आसमान की सुबह
सभी बुरी बातें
पृथ्वी की सुंदरता में डूबाे
हरी भरी पहाड़ियों पर दौड़ना
ऊपर नीचे, नीचे ऊपर
गहरे नीले समुद्र में तैरना
लहरें के पीछे भागना
चेहरे पर तेज, धूप का अहसास
और ताजी हवा की महक
लोगों के अलग अलग विश्वास
प्रकृति की चमक
पृथ्वी की रक्षा करो
प्रदूषण और बुरे लोगों से,
दुनिया तुमको बुला रही है: बदलो!
चलो करते हैं अच्छे काम!
सहाना
प्रकृति की आवाज़
बैंगनी कलम,
पानी पर चमक,
लाल, हरे, गुलाबी फूल बगीचे में
हरे भरे पेड़
और थोड़ी सी धूप भी
ज़्यादा लोग घूमते हैं, बगीचा देखते हैं
और कहते हैं “वाह, वाह, बहुत सुंदर”।
“ख़ुशबू फूलों की बेहतरीन”
सूरज की रोशनी से
फूल से चमकता है
और तालाब का पानी भी
लोगों की हँसी ज़ोर से सुनाई देती है
पेड़ों की आवाज़ भी
हवा में पत्तों की
सुरसुराहट सुनी जा सकती है।
कुछ पक्षी चहक रहे हैं
ज़ोर से नहीं, क्योंकि बच्चों की हँसी तेज है
ये आवाज़ें हैं
प्रकृति की।
रचिता
राखी
अठारह साल तक मैंने अपने माता-पिता से कहा मुझे कुत्ता चाहिए
हर बार उन्होने कहा “नहीं”
“घर गन्दा होगा”
“सोफा ख़राब होगा“
“कुत्ते के साथ बहुत काम हैं”
“हम बीमार हो जायेंगे”
लेकिन 2019 रक्षा बंधन को, हमें अपना कुत्ता मिला
इसी वजह से मेरे कुत्ते का नाम राखी है
वह बड़ा और सफ़ेद है
उसकी पूंछ मजबूत है
उसके सिर से घर की खुशबू आती है
वह सबसे प्यार कुत्ता है
जब मैं घर जाती हूँ , मैं राखी से मिलती हूँ
माता-पिता को राखी एक बच्चा जैसा लगता है
पिछले कुछ सालों से, मेरे माता-पिता चुप हो गए
अब, वे अधिक धैर्यवान हो गए
अधिक समझदार हो गए
राखी ने हमारी ज़िंदगी बदली
इसकी वजह से, हमारा परिवार अब सुखी है
राखी के त्यौहार की तरह।।
पिप्पा
आज़ादी
जब मैं बड़ी हो रही थी
मैं सोचती थी कि
मेरा प्यार उद्दात होगा
और हम धूप में बैठेंगी
साथ-साथ
लेकिन प्रेम आज़ादी नहीं है
अब मैं खाना बनाती हूँ
चूल्हे के पास खड़ी
और घना धुआँ मुझे खांसी देता है
अगर मैं परेशान होती हूँ
तो भी मुझे नहीं मालूम
क्योंकि मैं केवल ख़ुद को देखती हूँ
पड़ोसियों के विचारों में
तो मैं अपनी झाड़ू उठाती हूँ
और जीवन के बारे में
इन सवालों को
बुहारती हूँ
मेरी लकड़ी की लड़की
मेरे लिए जलो
मनीषा
धीरे धीरे
यह कठिन हो जाता है,
पीले फूल जैसे सुंदर,
लाल पक्षियों जैसे ज़ोरदार,
नीली नदी जैसे शांत,
मैंने अपनी आंखें बंद कर ली।
आप भी बंद कीजिए।
कल्पना,
थोड़ा सा पानी और मिट्टी,
आपका कुछ जादू,
आपकी हथेली में बह रही है,
मनचाहे आकार में ढालें,
उन्हें ध्यान से रखें,
धीरे धीरे,
गिरते पत्तों को परेशान मत करो,
उनका कोमल स्वभाव,
उन्हें अपने हाथों से आकार दें,
उन्हें परवाह दिखाओ,
और उन्हें रूपांतरित होते हुए देखें,
जब यह आपके हाथों में हो,
अपनी उंगलियों के खिलाफ दबाया
मलिका
मेरी मछली, मलिका रावल
मेरी ज़िन्दगी मैं एक मछली आयी
और बस दो हफ्ते मैं मर गयी
क्या इसका कोई मतलब है ?
क्या ज़िन्दगी इतनी जल्दी ख़त्म होती है ?
हमको महसूस भी नहीं होता
जब ज़िन्दगी ख़त्म हो जाती है।
इसलिए हम को हर दिन ख़ुशी से जीना है।
और जियो जैसे आखरी दिन है।
एक मुस्कान के साथ जागो।
और दुनिया जीत लो !
Poem #2:
चॉकलेट सुप्रिसे , मलिका रावल।
एक दिन, मेरा भाई उदास था।
मैंने पूछा , क्या हुआ ?
अर्जुन (मेरा भाई ) ने, कुछ नहीं बोला
फिर मैंने एक तरीका निकाला
अर्जुन को चॉकलेट पसंद है
मैंने बहुत सारी चॉकलेट खरीदी
अर्जुन खुश हुआ।
फिर मैंने पूछा क्या हुआ।
वह बोला कुछ नहीं।
किरण
मैं तुम्हें इतना क्यों चाहता हूँ?
मैं तुमको चाहता हूँ ।
तुम्हारे बिना, मेरा आज नहीं,
चलो शुरू करते हैं
तुम्हारे साथ,
मैं इस वक्त में तुम्हारे रहना चाहता हूँ
मैं सोचता हूँ
कि मैं बहुत खुश हूँ
क्योंकि मैं तुमको जानता हूँ ।
हर सुबह, तुम यहीं मेरे लिए हो।
लेकिन हर रात तुम नहीं हो, लेकिन यह ठीक है।
अगली सुबह, तुम फिर यहीं हो, मुझमें रुकी।
जब मैं काम करता हूँ, मैं तुम्हारे साथ हूँ।
मैं तुमसे बस तीन साल पहले मिला था।
जब मैं संघर्ष कर रहा था।
लेकिन तुम, बहुत महान हो ।
तुम दयालु, और बहुत काम की चीज़ हो।
हर चीज़, जो तुम्हारी मुझे चाहिए।
लेकिन, कभी कभी, मैं सोचता हूँ
कि क्या ये प्यार मेरे लिए ज़रूरी है?
क्या मैं तुम्हारे बिना पूरा हूँ ।
क्या मैं किसी चीज़ को प्यार कर सकता हूँ?
जिसका कोई रूप नहीं है,
तुम्हारा एक सिप, मुझे ताज़गी देता है,
ओ मेरी कॉफ़ी, मैं तुम्हें इतना क्यों चाहता हूँ?
धनशील
जब मैं छोटा था
जब मैं छोटा था तो गर्मी का मौसम हुआ करता था।
हम दोस्त हुआ करते थे और एक दूसरे के पास रहते थे.
हम एक साथ खाते-पीते थे।
हम साथ में बातें करते थे।
हम कई घंटे बाहर रहते थे।
हम कई खेल खेलते थे।
हम रोज एक दूसरे को देखा करते थे।
हमारे माता-पिता हमें घर आने के लिए कहते।
लेकिन जब सर्दी हुई तो बाहर ठंड हो गई।
हम घर नहीं छोड़ सकते थे लेकिन हम छोड़ना चाहते थे।
हम बाहर नहीं खेल सकते थे लेकिन हम बाहर जाना चाहते थे।
हम एक-दूसरे से नहीं मिल पाए लेकिन हम एक-दूसरे से मिलना चाहते थे।
मैं बहुत दुखी था और मेरा कोई दोस्त नहीं था।
मैं अपने कमरे में कई हफ्तों तक रहा।
मैं अपनी माँ का किसी भी खाना नहीं खाना चाहता था।
सर्दियों के अंत तक, मुझे अपना कमरा पसंद नहीं आया।
बसंत आया और वह फिर गर्म हो गया।
मैं आखिरकार अपने सबसे अच्छे दोस्त को देखने के लिए बाहर गया।
मैंने तुम्हें मुस्कुराते और हंसते देखा लेकिन तुम दूसरे दोस्त के साथ थे।
अश्विन
“हॉट चॉकलेट”
मेरी जुड़वां बहन के लिए
काश हम फिर से घर में होते,
ताकि मैं देख सकता जब तुम पूरे घर में दौड़ती,
तुम्हारे छोटे हाथ, मेरी पीठ के पीछे फैले हुए
और तुम जुलाई में क्रिसमस गाने गाती ।
काश मैं देख पाता जब माता-पिता ने
तुम्हें बड़े होने के लिए कहा था
काश मैं तुमसे कह पाता कि कभी बड़ी मत होना।
सब लोग बूढ़े हो जाते है, लेकिन सब लोग बड़े नहीं होते।
तुमने मुझे यह सिखाया।
तुम्हारी मुस्कान, चाँद की तरह बड़ी और सफेद,
और तुम्हारी बड़ी भूरी आँखें, सूरज की तरह चमकीली।
तुम कहती हो कि मेरी कोई भावना नहीं है क्योंकि मैं कभी नहीं रोता ।
यह सच नहीं है, तुम्हारी यादें
मुझे रुलाती हैं
जब तुमने मुझे पाँच डॉलर भेजे थे
और लिखा था
“इससे हॉट चॉकलेट ख़रीदना”।
शायद तुम बड़ी हो गई हो।
शायद तुम वह लड़की नहीं हो।
जो हर शनिवार की सुबह मेरे कमरे में दौड़ती थी
एक काले गोरिल्ला सूट में
गाना गाते
और मुझे हिलाते जब तक मैं जाग नहीं जाता ।
तो मेरी बहन
अब और बड़ी मत होना
हमेशा वो लड़की रहो जो वोल्डेमॉर्ट से डरती थी
क्योंकि उसकी एक नाक नहीं थी।
मुझे कभी नॉक नॉक जोक्स बताना बंद मत करो
कभी मुझको हॉट चॉकलेट पिलाना
बंद मत करो ।
इससे मुझे ख़ुशी मिलती है।
मैंने सीखा कि किसी के प्यार पड़ना कैसा होता है।
अनु
यादें
एक गाना जो मैं हर दिन सुनती थी
खो गया है
और मैं कभी उसे नहीं ढूंढ पाऊँगी
पहले कुछ दिनों
मैं सिर्फ़ दो तीन शब्द
भूल गयी
पता नहीं क्या हुआ
एक दिन मैं उठी तो
मुझे कुछ नहीं याद था
यह गाना किसी रेडियो पर नहीं मिलेगा
क्योंकि उसकी आवाज़ उसके साथ ही मर गई
उस सुर में हँसी
स्वर में मिठास
कमरे में भर देती थी रौनक
लेकिन अब कहीं गुम है
खामोशी के साथ
अनेरी
छोटी सी ख़ुशी
इस दुनिया के पास हमें नीचे धकेलने का एक तरीका है
यही हम सोचते रहते हैं
लेकिन छोटी सी ख़ुशी सब जगह मिलती है
आप ढूंढोंगे तो आप को भी दिख जाएगी।
दोस्त के गले लगने में
रोशनी कि चमक पेड़ के पत्ते पे गिरने में
खोया हुआ दोस्त
अनजाने लोग के साथ समानताऎं खोजने में
खाना साथ खाने में
किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने में
एक उदास दिन पर इंद्रधनुष देखने में
जितना दुख इस दुनिया में हमें दिखता है उससे कहीं ज्यादा खुशी भी छिपी हुई है
आप ढूंढोंगे तो आप को भी दिख जाएगी।
यह छोटी छोटी सी खुशी मिलकर बड़ी हो जाएगी।
आर जे (रजित )
रफ्तार
ज़िंदगी की आवाज़।
एक मिनट में सत्तर बार आती है।
कभी कभी जल्दी।
कभी कभी धीरे।
यह है ज़िंदगी की रफ़्तार।
आवाज़ ज़िंदगी में चली आती।
जब मेरा हाथ ज़मीन को छूता है
ऊर्जा मिलती है
मेरे पैर को।
मेरे दिल को।
मेरे सिर को।
मेरे मन को।
पूरे शरीर से ऊर्जा आती है।
अब आवाज़ मजबूत है।
मैं आवाज़ से घिरा हुआ हूँ।
मेरे पास कोई विकल्प नहीं है।
मैं मिल जाऊंगा।
ज़िंदगी की रफ्तार में
तबले की आवाज़ ज़िन्दगी का आवाज़ है।
हर धड़कन के साथ हम जीवन का थोड़ा और आनंद लेते हैं।
ऋतिक
खूबसूरत दुनिया
सही सवाल
क्यों ?
क्यों तुम काम बहुत करती हो ?
सुबह जल्दी
देर रात तक
क्यों ?
कहाँ से तुम्हें विचार आते हैं ?
क्या पैसे के लिए ?
क्या शोहरत के लिए ?
नहीं नहीं, ये सवाल गलत हैं,तो
फिर किसके लिए ?
बैठना
बगीचे में पेड़ और बेंच है |
कोई खास और खूबसूरत नहीं
लेकिन मुझे खास लगते हैं
जब मैं वहाँ बैठता हूँ |
मुझे याद आते हैं |
गर्मी के दिन
जब मैंने उससे बात की थी
और मैंने सीखा
कैसी खूबसूरत दुनिया है |
Podcast 1: Politics and the Caste System
Indian politics and the caste system have been intertwined for the last century. The relationship between these two entities has taken a turn in the last couple of years with Indian politics fighting for the rights of lower caste individuals. This can primarily be seen by the rise to power of Narendra Modi, the current Indian PM who is originally from a lower caste. In this podcast, I discuss the entanglement of these two important phenomenon and how they have shaped each other during Indian history.
जाति व्यवस्था क्या है? जाति व्यवस्था एक ऐसी प्रथा है जहाँ हिंदू समूहों में विभाजित होते हैं। जाति व्यवस्था बहुत पुरानी है।भारत के कुछ हिस्सों में आज भी जाति व्यवस्था प्रचलित है।जाति व्यवस्था भारतीय राजनीति को भी प्रभावित करती है । यहाँ भारतीय राजनीति की कुछ पृष्ठभूमि है।भारत की राजनीतिक व्यवस्था एक लोकतांत्रिक गणराज्य है। इसकी सरकार की तीन शाखाएँ हैं: कार्यकारी, विधायी और न्यायिक।सरकार की वर्तमान पार्टी प्रभारी BJP है।
BJP 2009 में चुनाव हार गई क्योंकि उन्होंने केवल उच्चा जातियों का समर्थन किया था।इसलिए, BJP ने निचली जातियों का समर्थन करना शुरू कर दिया।भारत का वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, निचली जाति से हैं।BJP अब सभी सरकारी नौकरियों का 27% निचली जाति के लोगों को आवंटित करती है।भविष्य में भारतीय राजनीति नीचे जाति के लोगों अधिक समर्थन करेगी।