Home » Hindi Poems » Intermediate Hindi 203 poems

Intermediate Hindi 203 poems

सात्विका 

हम ऐसे क्यों बन गए

फ़ोन आने के बाद

सभी उदास हैं 

दुनिया में पेड़ कम,

पानी गन्दा 

लेकिन फिर भी 

धूप चमक रही है 

अभी भी

दुनिया में सब लोग 

दोस्त बन सकते हैं

एक दूसरे का साथ है

सब लोग अच्छे हैं ,

हम दुनिया बदल सकते हैं,

क्योंकि

सब लोग अच्छे है।

धूप अब भी चमक रही है

 

 

 

Sachi

पक्षी और बारिश 

बारिश में 

पक्षी के लिए उड़ना कठिन होता है

उनके पंख गीले होते हैं

वे नहीं देख सकते कि वे कहाँ उड़ रहे हैं

और हवा तेज़ चलती है

लेकिन बारिश के बाद 

जंगल हरा होता है 

सूरज आकाश में है

और बहुत फूल होते हैं

मीठे अमृत के साथ फूल

लम्बे पेड़ बहुत फल के साथ 

पक्षी बारिश के आभारी हैं

क्योंकि बारिश के बिना जंगल रेगिस्तान है

प्रकाश की कीमत जानने के लिए पक्षी को 

 बारिश की जरूरत है

 

 

 

हविष मल्लादी 

 

 

दुनिया 

मर रही है 

प्रदूषण हवा में है। 

पेड़ 

मर रहे हैं 

आदमी उन्हें धीरे-धीरे काट रहे हैं। 

जानवर

मर रहे हैं

लालची लोग शिकार कर रहे हैं। 

कंपनियाँ 

बढ़ रही हैं

अमीर और अमीर हो रहे हैं

डर

हवा में है

हम बदलने से डरते हैं

हम 

मर रहे हैं 

हमें वापस जाना होगा

 

 

 

कार्तिक 

हर दिन

हर मिनट

जब शेर चिड़िया मारता है

हम हँसते हैं

हम शेर का धन्यवाद करते हैं

हम चिड़िया का अपमान करते हैं

 

कंपनियां भी ऐसे ही  लोगों की हैं।

कृपया समाधान खोजें

जमींदार को जीना है

एक मिलियन डॉलर काफ़ी नहीं हैं।

दान करें

क्योंकि समाज मर रहा है

यह समस्या है

 

 

Vishal 

 

बकवास

 

समाज

क्या वह अच्छा है ?

 या क्या वह बहुत ख़राब है?

आप अमीर हैं या आप गरीब हैं?

अगर आप अमीर हैं तो समाज अच्छा है। 

अगर आप गरीब है तो समाज बहुत ख़राब है। 

समाज गरीब लोगों पर आश्रित है, अमीर लोगों पर नहीं। 

लेकिन कोई कुछ नहीं कर सकता है।

और क्या सब लोग बेवकूफ़ हैं?

हम एक समाज में रहते हैं। 

लेकिन हम क्या करें?

पागल समाज 

समाज

 

 

सायूरी  

एक पेड़ यहाँ था 

बहुत लोग और चिड़ियाँ भी 

मैंने पानी दिया 

और मैं बड़ी हुई 

लोगों ने पेड़ मार दिया

और हम कुछ नहीं कर सके  

पानी गंदा हुआ  

मछलियाँ मरीं 

हरे पौधे काले हुए  

लाल, नारंगी, भूरे 

हवा ठंडी हुई  

और हम कुछ नहीं कर सके  

दुनिया हमेशा बदली 

बस अपने चारों तरफ़ देखो  

पत्ते बदल सकते हैं

मछलियाँ मर सकती हैं 

तो हम क्यों नहीं?  

हमें सोचना है 

हमें क्या चाहिए?    

 

 

 

श्लोका 

दुनिया में बहुत सारी चीजें हैं

फूल और पेड़, पहाड़ और नदियाँ

चिड़ियाँ चहचहाती हैं,

पत्तियाँ हवा में उड़ती हैं,

और समय रुक जाता है।

 

एक दिन, एक आदमी आता है

नदी के पास, चलते चलते, 

चिड़ियाँ की चहचहाहट सुनते हुए 

सोचता है कि यह जगह बहुत सुंदर है।

अगले दिन आदमी अपने दोस्तों को लाता है,

दोस्त भी सोचते हैं कि दुनिया बहुत सुंदर है,

फ़ैसला करते हैं कि वे वहाँ रहेंगे।

अब फूल और पेड़ मर जाते हैं,

नदियाँ सूख जाती हैं, 

चिड़ियाँ चुप हो जाती हैं,  

अब दुनिया में कोई नहीं रह सकता।  

 

 

 

 

विदिता 

वह मेरी बेटी, वह सिर्फ मेरी बेटी है 

वह मुझे प्यार करती है 

मेरी सबसे प्यारी बेटी 

मेरी छोटी, सुन्दर, हँसमुख बेटी 

वह बड़ी हो रही है 

अब वह शादीशुदा है 

अब वह उसकी पत्नी है

सिर्फ उसकी पत्नी 

वह उसकी माँ है 

उसकी प्यारी माँ 

मेरी बेटी 

उसकी पत्नी 

उसकी माँ 

अगर वह बेटी नहीं है 

अगर वह पत्नी नहीं है 

अगर वह माँ नहीं है 

कौन है वह?

अगर वह अपने पति, अपने पापा

और अपने बच्चे की सेवा न करे 

कौन है वह?

 

 

 

 

तारा सिंह  – मगरमच्छ

कुछ लोगों ने कहा कि मगरमच्छ मतलबी और बदसूरत है।

लेकिन मगरमच्छ दोस्त चाहते हैं।

यह मगरमच्छ उदास है

क्योंकि लोगों को लगता है कि वह बदसूरत है।

लेकिन मगरमच्छ को प्यार चाहिए। 

तो मगरमच्छ तैरना शुरू कर देता है।

मछलियाँ। शेर। चिड़ियाँ। 

मगरमच्छ से कहा कि “मेरे साथ आओ!”

वे दया करते हैं। 

जब वे बात करते हैं, तो उन्हें एहसास होता है

कि मगरमच्छ अच्छा है।

अब सब मगरमच्छ के यार हैं। 

जो उनकी खूबसूरती देखते हैं।

अब मगरमच्छ के पास प्यार है ।

 

 

 

 

 

प्रीशा  

जब मैं सोती 

मैं उदास होती। 

मेरे सपने में, जब 

मैं तुमको मिलती 

मुझे याद आती है कि 

मेरे वर्तमान दुनिया में 

तुम अब नहीं हो ।

तुम कहाँ हो?

घास और फूल में नहीं 

और नदी और पत्थर में नहीं,

तो जब मैं ऊपर देखती हूँ 

कोई मुझे कहता है कि, 

“सोने जाओ,

सोने जाओ,

सोने जाओ”। 

 

 

 

 

ईशा 

हमारी दुनिया 

बहुत बड़ी है 

जब हम छोटे हैं 

सबको हैं जानते 

लेकिन कॉलेज में आकर 

किसी को नहीं पहचानते 

तितली की तरह 

हम टोली से टोली 

उछलते रहते हैं 

बिना किसी को जाने 

एक बड़े आकाश में 

हम छोटे सितारे 

हमारी दुनिया 

बहुत बड़ी है 

 

 

 

 

ऋषि

रात को मैं सोता 

लेकिन दुनिया कभी नहीं सोती

धरती माता हमेशा सचेत रहती  

जब मैं सोता तो अपना तनाव भूल जाता 

लेकिन धरती माता कभी नहीं भूलती 

उसके पास यह शक्ति है जो मेरे पास नहीं है 

हर रोज़ दुनिया गर्म हो रही है 

लेकिन धरती माता मज़बूत हो रही है 

हर रोज़ दुनिया में जानवर अपने घर छोड़ते हैं 

लेकिन धरती माता और प्रकृति मज़बूत हो रहे हैं 

धरती माता, आप सुंदर हैं 

धरती माता, आप मज़बूत हैं 

मैं हमेशा आपको सम्मान करूँगा 

 

 

 

 

 

कार्ली

जब मैं छोटी बच्ची थी 

मैं बाहर खेलती थी 

अपने भाई के साथ 

मैं फुटबॉल खेलती थी 

और मैं कमीज नहीं पहनती थी 

क्योंकि मैं उसके जैसा बनना चाहती थी 

लेकिन एक दिन मेरे पिता ने कहा 

मुझे पर्दा डालना होगा

क्योंकि मैं लड़की हूँ 

और मुझे लड़कों का खेल नहीं खेलना चाहिए

क्योंकि मैं लड़की हूँ 

और मुझे अकेले नहीं चलना चाहिए

क्योंकि मैं लड़की हूँ 

और मुझे हमेशा डरना चाहिए

क्योंकि मैं लड़की हूँ 

और मैं कभी नहीं इंसान होंगी 

क्योंकि मैं पहले लड़की हूँ 

 


Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *