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Elementary Hindi 101 poems

Shiv:

अकेला केला

मैं हूँ एक केला

ज़िंदगी में अकेला

दिन भर थकेला

रात भर डरेला

मैं टॉयलेट में अटकेला

दिमाग़ मेरा सटकेला

लेकिन दिल नहीं हरेला

प्यार से भरेला

बाज़ार से आया ठेला

आलू आया कचेला 

मैं नहीं अकेला

Sharan Sokhi – कितने सुंदर दिन (शरण सोखी)

कितने सुंदर दिन

सुबह की रोशनी सिंदूरी 

नीले आकाश की शांति

चहरे पे भरी खुशी |

 

जा रही है गर्मी, आ रहा है सर्दी

कुछ दिन बारिश में बह जाते,

दूसरे दिन बादल से छुप जाते

लेकिन फिर भी दिन 

कितने सुंदर दिन होते |

 

आते हैं दिन, जाते हैं दिन

लेकिन हर पल एक अहसास |

Thulsy – मेरी माँ

मेरी माँ सुंदर 

कमल की तरह,

जो उसके बगीचे में

खिलते सुबह।

 

उसका दिल एक सागर,

प्यार से भरपूर। 

वह सदैव दयालु,

और निस्वार्थ ज़रूर।

अभिनव कोल्ली

 

यहाँ एक मकान

वहाँ एक घर

दोनों  बड़े 

दोनों सुंदर

लेकिन एक नहीं

घर में होता परिवार

घर में होते दोस्त

घर में होता खाना

यादों में होता घर 

ख़ाली मकान, घर नहीं होता

मगर बन सकता है 

बस थोड़ा प्यार चाहिए

Mili

Title: मेरा घर 

कमरे में सुबह की धूप पीली 

और सुंदर आकाश नीली।

मौसम बहुत अच्छा होता

जब परिवार साथ होता ।

फिर मेरे घर आना

खाना मेरी माँ का खाना।

जब मैं घर में होती दुखी

मेरे पिता जी बनाते मुझे सुखी।

और जब से घर छूटा

तब से मेरा दिल टूटा ।

कॉनर बीज़वेल 

मैं और मेरा दोस्त –

मुझे डूक गार्डन पसंद 

मेरे  प्यार के लिए फूल वहां है  

शांति सुबह में है। 

लेकिन मेरे पास नहीं 

कोई शांति ? 

मेरे दोस्त का प्यार

दोस्त की खुशी 

मुझे देती शांति। 

अब मैं शांत हूँ 

मीरा पटेल – 

मेरा खाना

मेरी मेज पर पीला केला है

और मेरी कुर्सी पर संतरा है

मेरी रसोईघर में मटर है

और मेरे फ्रिज़ में गाजर है

लेकिन मेरे विचार में नारियल है

और मेरे दिल में सीताफल है

मैं अमरीकी हूं

और मैं हिंदुस्तानी हूं

अमली सेठ 

मेरा परिवार मेरा घर है 

मेरा घर पांच सौ मील दूर है 

वहाँ मेरा परिवार मेज़ पर बैठा है

आज, मैं डरहम में हूँ। 

पांच सौ मील दूर घर से,

यहां, मैं ज़मीन पर बैठती हूँ  

ज़मीन पर, अपने दोस्त साथ

यहाँ मैं बहुत खुश हूँ 

लेकिन मुझे  हमेशा मेरा परिवार चाहिए । 

मुझे मेरा घर चाहिए।

 

स्नेहा सेनगुप्ता 

जहाँ  मेरे दोस्त,वहाँ मेरा परिवार 

वहाँ भुट्टे का खेत 

वहाँ चलती गाड़ी 

घूमना फ़िरना पार्क में 

रसोई घर की खुशबू है अच्छी 

आलू-मटर की सब्ज़ी, साथ रोटी 

नाचना मुझे देता है ख़ुशी 

माता-पिता के साथ बातें करती  

मैं माता-पिता के बहुत हूँ करीब 

फ़ूल पीला, गुलाबी, लाल 

हँसते मेरे गाल 

याद है आती 

इन सबकी 

मेरा परिवार 

मेरी ज़िंदगी। 

 

अरविंद  मानीयाँ 

मेरा नाम है अरविन्दा 

मेरा परिवार है छोटा 

मेरी है यह  कविता

यह है बहुत बढ़िया

मुझे पसंद पानी है

मेरे माता-पिता हिंदुस्तानी हैं 

मेरे जूते हैं सफेद

मेरे दोस्त है पक्के ।  

Arnav 

सर्दी में ठंड है 

सूरज में गरम है

सफेद बर्फ और मेरा स्कूल डरम

मिनेसोटा मेरा घर है

 

मेज पर कुकीज़

मेरे कप में चाय

मेरी प्लेट में मेरी अम्मा का खाना 

मेरे घर में मेरे नाना

मेरी अम्मा, बहन और बाबा 

यही मेरा परिवार है!

परिशी पटेल 

मेरे डोर्म की सुन्दर रोशनी 

मेरी चाय की मीठी चाशनी  

आकाश का सुंदर बादल   

सब चीजें अच्छी 

डूक जैसे एक महल 

मेरे डोर्म का बेल 

मेरे दोस्तों की हँसी 

मेरे परिवार की ख़ुशी 

यह सब अच्छी चीजें  

अभी मेरी  ज़िंदगी में 

 

मेघन पसाला:

मेरी दोस्त

मेरी दोस्त है मेरी दुनिया

उसके पास है एक दिल बढ़िया

उसको पसंद है अमरूद हरा

उसका प्यार आसमान जितना बड़ा 

वह है मेरी ख़ुशी

वह कभी नहीं दुखी

वह बनाती अच्छी दाल

वह पहनती टोपी लाल

उसके पास बहुत ज्ञान

मेरी दोस्त है मेरी जान

आरव 

मेरा दोस्त:

मेरा दोस्त है बहुत अच्छा

लेकिन अक़्ल का है थोड़ा कच्चा 

ऐसा कहना है गलत 

क्योंकि मेरा दोस्त है मेरे पापा 

दोस्त मेरी ज़िन्दगी की है रोशनी  

मेरा दोस्त है मेरा प्यार  

मेरे पापा का दिल है बहुत बड़ा 

सबको मिले दोस्त का प्यार 

शंकुल

मेरा आम |

क्या वह तेरा आम है? नहीं, वह मेरा आम है |

क्या वह उसका आम है? नहीं, वह मेरा आम है |

क्या वह उनका आम है? नहीं, वह मेरा आम है |

क्या वह हमारा आम है? नहीं, वह मेरा आम है |

यह सिर्फ मेरा आम है |

मेरे आम को छूना मत | 

यह सिर्फ मेरा आम है |

मेरा आम |

 

Vyom 

मेरा आधार 

मेरा घर मेरा आधार है।  

हम एक खुश परिवार हैं । 

मेरे दादी-दादा हैं मेरे ज्ञान का सागर।  

चार भाइयों की तस्वीर है दीवार पर ।  

माँ का खाना यहाँ नही है।

लेकिन परिवार का प्यार यहाँ है।  

मैं रहता हूँ यहाँ।  

लेकिन मेरा दिल है वहाँ।   

मेरा घर मेरा आधार है।  

साहिल चौधरी 

हमारे घर के नीचे, हमें जो गर्माहट पसंद है,

घर में हैं हम, प्यार की नाव।

पापा की हंसी, मम्मा का गाना,

पापा का गाना, मम्मा की हंसी, कभी ग़लत नहीं।

बहन का खेल और भाई की मस्ती,

बहन की मस्ती, भाई का ग़ुस्सा।

परिवार उजाला , सुबह के सूरज की तरह,

परिवार मेरा ऐसे , जैसे सुबह का मज़ा।

Rohan Bhansali – विज्ञान

आसमान क्यों लगता नीला,

क्यों चमकता सूरज पीला।

विज्ञान है सचमुच  मेरी जान,

हर मुश्किल को करे आसां।

हर आविष्कार का है राज,

विज्ञान उसे लाए पास।

हर समस्या का है हल,

विज्ञान उसे बनाए सरल।

 

ज़ुबिन रेखी

मेरा परिवार

मेरा परिवार है निष्ठावान

उनकी ताकत है, रहना साथ  

जो करते सुबह से शाम, बस  काम

वहाँ हर आदमी, एक हज़ार के बराबर  

वो ऐसे हैं जैसे  

लोहा बनता पत्थर से

कोहिनूर बनता कोयले से

और ईट बनता मिट्टी से

 

 

 

 

ऋषभ जगेटिया

मेरा दिल ख़ाली है।

तेरा प्यार गाली है।

कोई इंसान कैसे प्यार करें?

जब हमारी प्रेम कहानी न रहे

लेकिन मुझे नहीं चाहिए

सिर्फ़ एक प्यार, या दो प्यार 

मुझे चाहिए बहुत प्यार,

क्योंकि मेरे दोस्त हमेशा मेरे साथ 

और मुझे शांति इस बात से।

 

 

Shruthi Narayanan:

मेरा परिवार बढ़िया है।

वह मिन्नेसोटा में है।

माँ का खाना है अच्छा ।

उसके शब्दों में है सब सच्चा ।

भाई की उम्र चौदह साल​।

उसके सिर पर बहुत बाल ।

नारायण है मेरे पिता का नाम ।

मुझे पता नहीं  उनका काम।

हमारे घर में है ज़्यादा खुशी ।

क्योंकि खाना अच्छा और घर में है श्रुति ।

 

सवाना 

खाना इंद्रधनुष 

लाल पनीर करी 

नारंगी तंदूरी सब्ज़ियां 

पीला आम 

हरा पुदीना चटनी 

नीली  मिठाइयां 

बैंगनी बैंगन भरता 

सफ़ेद खीर 

बहुरंगी मसाले 

भारतीय खाना बहुत स्वादिष्ट 

इंद्रधनुष के सारे रंग

Pallavi

मेरा परिवार:

यह सुन्दर मौसम

मुझे परिवार की याद दिलाता है 

मेरे दोस्त मेरा परिवार हैं  

मेरा कुत्ता भी मेरा परिवार है 

मेरा परिवार मेरे सब ओर है  

बाबा-दादी, नाना-नानी खुश और बुद्धिमान हैं

मम्मी-पापा, छोटा भाई, मज़ेदार हैं  

मेरा घर बहुत ख़ास है, लेकिन   

मुझे घर की ज़रुरत नहीं, क्योंकि

मेरा परिवार मेरे चारों ओर है!

 

 

Amrit

परिवार खाना

एक – मेज पर खाना 

दो – थाली में मेरी माँ की दाल

तीन – नान मेरी दाल में 

चार – थाली में चावल  

पांच – लोगों का परिवार

छह – कुर्सियाँ कमरे में 

सात – चम्मच मेरे छोटे भाई के लिए 

आठ – डोसे मेज पर रखो 

 

 

 

Zoraver

नानी प्यारी, दादी मम्मी साथ,

खुशियों के दिन बिताते हम साथ-साथ।

मुर्ग़ बिरयानी स्वादिष्ट बनाती नानी,

फूलों के बगीचे में खेलते बच्चे सब खुशी से।

नानी की ममता, दादी का प्यार हमारा,

खुदा से मिलती खास ये प्यारी दुआ हमारा।

प्यार से बचपन सजता हर पल,

नानी-दादी के साथ हमारा खास खुशियों का खेल।

 

 

Avi

610 के लड़के:

610 के लड़के,

किसी से नहीं डरते।

बड़ी गाड़ियाँ रखते,

अलेंटाउन के चौक-चौराहों में घूमते।

अलेंटाउन की गलियों में उनकी कहानियाँ,

हर कोने में उनका अभिमान है।

संगीनीत जीवन, फिर भी उत्साही,

अपने शहर की मिट्टी से वह जुड़े अनमोल रतन हैं।

 

 

ईशान

रोज़ सुबह सूरज आता,

बच्चों को खुशी लाता।

खेलने जाते हम पार्क में,

हंसते-हंसते खुशियाँ बढ़ती हैं।

फूलों की खुशबू, पंखों की उड़ान,

बच्चों के दिल में हर दिन सुनहरा ज़िन्दगी का प्लान।

मामा-मामी, दोस्त सबके साथ,

खुशियाँ हैं हमारे पास, यह है हमारा साथ।

खेलने का खूबसुरत दिन हर बार,

बच्चों की जिन्दगी है सबसे प्यार


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