
मानसिक रोग: एक बढ़ता हुआ मुद्दा
Mental health is an increasing concern not only in India or the U.S., but around the world. With the stigma associated with mental disorders, those with mental illnesses are discriminated against every day. This may cause aggravated breakouts in those with mental illnesses, but also causes shame to flow through the family, a family that should be supportive. This causes an increased rate of suicide in those with mental illnesses. However, with resources such as psychologists and mental rehabilitation institutions, there are ways for those with mental disabilities to be nurtured and aided if need be. If you notice signs of mental illness in yourself or your friends, please keep an eye out and don’t be afraid to ask for help.
अमेरिका में लोग मानसिक रोग के बारे में सकारात्मक नहीं सोचते हैं। लेकिन ये विचार सिर्फ अमेरिका में नहीं हैं – पूरी दुनिया में हैं | इस दुनिया में, लोग मानसिक रोगी लोगों के साथ भेदभाव करते हैं | मानसिक रोगी लोगों के माथे पर कलंक होता है। ये है सोशल मीडिया पर या सिर्फ लोगों क विचार में। दुर्भाग्य से ये भेदभाव सिर्फ मानसिक रोगी लोगों के बारे में नहीं हैं ; उसके परिवार के बारे में भी हैं। इसीलिए, अगर उसके बच्चे को एक मानसिक विकार है तो वह परिवार बहुत शर्मिदा होता है। ऐसा भारत में अमेरिका से ज़्यादा होता है, लेकिन यह हर जगह में अभी भी होता है। अगर बच्चे को मानसिक विकार है, तो परिवार गर्भपात करवाते हैं या बच्चे को रखते है।
अगर परिवार मानसिक रोगी बच्चे को रखते है, शर्म के अलावा, तो कभी-कभी परिवार बहुत चिंता करता है। इसीलिए कभी-कभी परिवार बच्चे को मनोविज्ञानी के पास भेजता है। अगर मनोविज्ञानी के साथ मानसिक विकार को ठीक नहीं होता, तो मनोविज्ञानी परिवार को बोलता है कि बच्चे को एक मानसिक संस्थान पर जाने की ज़रुरत है। लेकिन, इसके साथ बहुत अकेलापन होता है मानसिक रोगी लोगों के लिए। इसीलिए, अगर मानसिक रोगी लोगों मानसिक संस्थान में जाते, तो काफी बार उनको अवसाद होता है। परिवार भी बहुत शर्मिंदा होता है अगर उनका बच्चा एक मानसिक संस्थान में हैं। यह अच्छी चीज़ बिलकुल नहीं है क्योंकि परिवार बच्चे की समर्थन करना चाहिए ।
जब आप दोस्तों के साथ होते हैं, तो मानसिक विकारों के संकेत देखिये! कुछ लोग उनके स्वस्थ के बारे में दोस्तों को नहीं बताते हैं, और चिंता की वजह से, मदद नहीं ढूँढ़ते हैं। अगर आपको या आपके दोस्त को मानसिक विकारों के संकेत हैं, तो एक मनोविज्ञानी को मिलिए। मनोविज्ञानी के साथ, कुछ मानसिक विकार की मदद होता हैं। उदाहरण के लिए, पीटीएसडी, एक प्रकार का पागलपन, खाने के विकार, अवसाद, और बहुत कुछ और। इसके साथ, खुदख़ुशी की दर और तंत्रिका टूटने की संख्या घट जाती है ।