मानसिक बीमारी एक में चार लोगों को दुनिया में है. आप सोचिये, “आप कितने लोगों को जानते हैं जिन्हें मानसिक बीमारी है?” हम से एक दोस्त को जानते हैं. भारत और अमेरिका में मानसिक बीमारी में लोग सरकार कुछ नहीं करती है. हमारे समाज में हम मानसिक बीमारी लोगों को मदद नहीं करते है. मानसिक रोग एक कलंक है लोग डॉक्टर के पास नहीं जाते है.
चालीस प्रतिशत लोग डॉक्टर के नहीं पास जाते है. वे बीमार हैं तो हम कहते है कि, “डॉक्टर के पास जाओ”. हमारा समाज हंसता है और बहुत खराब बात कहते हैं जब किसी को हमारे समाज में पास मानसिक बीमारी है. अमेरिका मे थोड़ा अच्छा है भारत से. अमेरिका में बहुत मशहूर लोग कहते हैं कि, “हमको मानसिक बीमारी है”. एक फुटबॉल प्लेयर डाक प्रेस्कट ने कहा कि उसके उदासीनता की बीमारी है. और बहुत लोग कहते है कि वह बहुत बहादुर है. और जब हम बीमार हैं और डॉक्टर के पास जाते है, डॉक्टर हमेशा पूछते है कि, “क्या आपके अपने ख़ुदकुशी का विचार आता है?” ये सवाल बहुत जरूरी है, और अमेरिकी संस्कृति में बहुत लोग अपने दोस्तों और परिवारों पूछते है कि, “क्या आपके खुदकुशी का विचार आता है? और क्या आप बहुत उदास हैं, हम डॉक्टर के पास चलेंगे?”
मानसिक बीमारी भारत में एक अलग बात है. भारतीय संस्कृति ज़ायदा पोरोनी है जब हम मानसिक बीमारी की बात करते है. भारत में हम नहीं सोचते है कि मानसिक बीमारी असल है. हम सोचते है कि मानसिक बीमार लोग पागल हैं. भारतीय संस्कृति में हम मानसिक बीमार लोगों डॉक्टर से पास नहीं ले जाते है.
विश्वविद्यालय में मेरे एक खास दोस्त ने खुदकुशी कर ली. और मैं अभी भी बहुत उदास हूँ. वह मेरा खास दोस्त था और मुझे नहीं मालूम कि वह सोचता था कि उसने खुदकुशी कर ली. इसलिए मैं कहता हूँ कि अपने परिवार और दोस्तों से मानसिक रोग की बात करो.